‘Rupee’ showed its place to Trump tariff, established its dominance in Asia by beating the dollar

ट्रंप ने जिस तरह से रेसिप्रो​कल टैरिफ का ऐलान किया था. उसके बाद जिस तरह से सुबह करेंसी मार्केट में डॉलर ने अपना दम दिखाया था, वो शाम होते-होते या यूं कहें कि बाजार बंद होने के बाद फुस्स हो गया. ट्रंप टैरिफ को रुपए की ताकत ने उसकी असली औकात दिखा दी और डॉलर को ऐसी पटखनी दी कि बाजार बंद होने तक नहीं संभल सका. जो रुपया सुबह के सत्र में 27 पैसे की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था, वो ही रुपया ना सिर्फ 27 पैसे रिकवर हुआ और 22 पैसे की बढ़त के साथ बंद हुआ.

इसका मतलब है कि रुपए ने कारोबारी सत्र में करीब 50 पैसे की तेजी देखने को मिली. जानकारों की मानें तो रुपए में अच्छी तेजी देखने को मिली है. जिसका प्रमुख कारण भारत की टैरिफ को झेलने की क्षमता और कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट है. दूसरी ओर गोल्ड की कीमतों में भी गिरावट का असर भी काफी देखने को मिल रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर करेंसी मार्केट में किस तरह का डाटा देखने को मिल रहा है.

रुपए ने डॉलर को दी जोरदार पटखनी

गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे की बढ़त के साथ 85.30 (अनंतिम) पर बंद हुआ. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा करीब 60 देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाए जाने के बाद डॉलर अपने प्रमुख समकक्षों के मुकाबले कमजोर हुआ. शुरुआती कारोबार में रुपए में उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन जल्द ही इसने अपनी खोई हुई स्थिति वापस हासिल कर ली और दिन का अंत सकारात्मक रुख के साथ हुआ. अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि नई दिल्ली अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च आयात शुल्क लगाती है.

हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा कि भारत अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जिन्हें भी बढ़े हुए शुल्कों का सामना करना पड़ रहा है. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 85.77 पर खुला और फिर कारोबार के दौरान 85.30 के हाई लेवल और 85.78 के निम्नतम स्तर को छू गया. डॉलर के मुकाबले रुपया 85.30 (अनंतिम) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 22 पैसे की बढ़त दर्शाता है. बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.52 पर बंद हुआ था.

बेहतर स्थिति में भारत

विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत के अमेरिका को कुछ क्षेत्रों के निर्यात पर असर पड़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि भारत अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जिनमें बांग्लादेश (37 प्रतिशत), चीन (34 प्रतिशत), वियतनाम (46 प्रतिशत) और थाईलैंड (36 प्रतिशत) शामिल हैं, जिन पर बढ़े हुए शुल्क लगे हैं.

इस बीच, गुरुवार को एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वाणिज्य विभाग भारत पर अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ के प्रभावों की सावधानीपूर्वक जांच कर रहा है और इस मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रिया लेने के लिए घरेलू उद्योग और निर्यातकों सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है.

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी में इस नए विकास के कारण उत्पन्न होने वाले अवसरों का भी अध्ययन कर रहा है. इसमें यह भी कहा गया है कि पारस्परिक रूप से लाभकारी, मल्टी सेक्टोरल बाइलेटरल ट्रेड के लिए भारतीय और अमेरिकी व्यापार टीमों के बीच चर्चा चल रही है. बीटीए में सप्लाई चेन इंटीग्रेशन को मजबूत करने सहित पारस्परिक हितों के कई मुद्दे शामिल होंगे.

डॉलर इंडेक्स और कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट

इस बीच डॉलर इंडेक्स 1.65 फीसदी गिरकर 102.09 पर कारोबार कर रहा था. इंटरनेशनल मार्केट में खाड़ी देशों का कच्चा तेल 4.10 फीसदी गिरकर 71.88 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 322.08 अंक या 0.42 फीसदी गिरकर 76,295.36 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 82.25 अंक या 0.35 फीसदी गिरकर 23,250.10 अंक पर बंद हुआ. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध आधार पर 1,538.88 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची.

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